अक्षरा-1
दिल तो मेरा भी है प्रेषक : ठाकुर नोट उड़ाए जा रहे हैं, रंगीली नाच रही है, छम-छम कर घुंघरू पैरों में बज रहे हैं, चारों ओर वाह-वाह हो रही है। रंगीली फरहा मौसी के कोठे की सबसे सुन्दर और अदाकार कलाकार है या यूँ समझिए कि कोठा ही रंगीली के नाम से चलता है। […]